HOW TO LEARN SANSKRIT
संस्कृत भाषा को सुबोध सर्वग्राह्य और सर्वप्रिय बनाना है। "संस्कृत कठिन भाषा है" यह मिथ्या अपवादित कथन है अतः संस्कृत भाषा को ग्रहण करवाकर प्रत्यक्ष बोध के साथ समाप्त करना है। संस्कृत से अपरिचित हिंदी से परिचित जनों को चार से छः माह में स्पष्ट सरल शुद्ध बोलना सिखाना ही उद्देश्य है।
१- परिचय:
२-शिष्टाचार शब्दानां प्रयोग
३- प्रतिदिनोपयोगी(दिनचर्या) शब्दानां प्रयोग वाक्य आदि माध्यमेन
४- अहं,भवान, भवती, त्वम्,आम्,न,किम् आदि शब्दानां प्रयोग
५- वर्तमानकाल क्रियापदानां(लटलकार) स्मरणं
६- संख्या(गिनती)स्मरणं
७- स/सा/तत्/एष:/एषा/एतत् शब्दानां प्रयोग क्रमेण क:/का/किम् सह
८- सम्बन्धीनां (सगे संबंधियों) नाम स्मरणं
९- समय ज्ञानम्
१०- अतिथि सत्कार आदि शब्दानां ज्ञानं प्रयोगञ्च
११- अकारान्त शब्दानां स्मरणं
१- परिचय:
२-शिष्टाचार शब्दानां प्रयोग
३- प्रतिदिनोपयोगी(दिनचर्या) शब्दानां प्रयोग वाक्य आदि माध्यमेन
४- अहं,भवान, भवती, त्वम्,आम्,न,किम् आदि शब्दानां प्रयोग
५- वर्तमानकाल क्रियापदानां(लटलकार) स्मरणं
६- संख्या(गिनती)स्मरणं
७- स/सा/तत्/एष:/एषा/एतत् शब्दानां प्रयोग क्रमेण क:/का/किम् सह
८- सम्बन्धीनां (सगे संबंधियों) नाम स्मरणं
९- समय ज्ञानम्
१०- अतिथि सत्कार आदि शब्दानां ज्ञानं प्रयोगञ्च
११- अकारान्त शब्दानां स्मरणं